sidh kunjika Secrets
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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ १० ॥
No. Pratyahara implies to bring the senses inside of. Which is, closing off external notion. Stambhana fixes the perception inside of by holding the assumed even now along with the perception.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
This Mantra holds great significance when it comes to attaining a blissful psychological point out and spiritual progress.
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं more info चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।
इसके लिए मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसे देवी की तस्वीर के दाईं तरफ रखें.
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि